आज हम नई पीढ़ी को हर हिंदी शब्द का मतलब अंग्रेज़ी में समझा रहे हैं । फिर जाने किस उम्मीद में हिंदी दिवस मना रहे हैं ।
फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलती बिटिया को,
जब ‘वृक्ष’ का मतलब ‘ट्री’ समझाती हूँ ।
मैं जड़ और ज़मीन से जुड़े
कईं सवालों में खो जाती हूँ ।

‘कितनी अच्छी अंग्रेज़ी बोलती है’,
इस उपलब्धी पर सभी गर्वित हैं ।
लेकिन मेरा मन कहीं व्यथित है,
जड़ों से यूं टूटते जाना
क्यों आजकल ये चलन प्रचलित है ।

चाहती हूँ कि वो भी मेरी तरह
पढ़े,समझे महादेवी , प्रेमचंद दुष्यंत को
नियति को कुछ और ही मंजूर है ,
आगाज़ हो चुका है
तो क्या मैं बदल पाऊंगी में अंत को ।

संस्कृति तक, रास्ता भाषा ही बनाती है ,
भाषा सिर्फ बोलना नहीं,
आचार -विचार, व्यवहार सिखाती है ।

गर वह अपनों से , अपनी ही भाषा में संवाद ,
नहीं कर पाएगी ।
फिर किसी वैश्विक दुनिया के लिए,
कैसे तैयार हों पायेगी ।
-ममता पंडित